झारखंडः एक नया अनुभव

मुख्य समाचार ३१ मार्च २००९

सत्ता मिली तो 21वीं शताब्दी भारत की होगी
सिमडेगा/धनबाद एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को पंद्रहवीं लोकसभा के लिए सूबे में चुनावी शंखनाद करते हुए कहा कि सत्ता मिली तो 21वीं सदी भारत की होगी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में चल रही लाडली लक्ष्मी योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। सैनिकों के लिए एक वेतन एक पेंशन लागू करेंगे। आडवाणी ने लोहरदगा के ललित नारायण स्टेडियम व सिमडेगा जिला मुख्यालय के बाजारटांड़ व धनबाद में महती चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए मतदाताओं से अपील की कि सत्तालोलुपों के बजाए जनसेवा की भावना रखने वालों को संसद में भेजिए। उन्होंने कहा कि एनडीए के शासनकाल में झारखंड, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ। उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ में विकास के सराहनीय कार्य हुए, परंतु झारखंड में सुराज नहीं आया। हद तो यह कि यहां एक निर्दलीय मुख्यमंत्री हो गया। कांग्रेस को कठपुतली चाहिए थी, सो बिना किसी दलीय समर्थन के ही निर्दलीय यहां शासन करता रहा। अब ऐसे लोगों की छुट्टी कीजिए।
नेताओं के पसीने छूट रहे हैं।
रांची कुछ सीटें महत्वपूर्ण हो गई हैं। यहां हर किसी की नजर है कि आखिर राजनीति का ऊंट इस बार किस करवट बैठता है। नेताओं के पसीने छूट रहे हैं। इसका कारण है। सूबे की सियासत में कुछ खास रसूख रखने वाले नेता यहां मैदान में हैं। चार पूर्व मुख्यमंत्री समेत दो-एक केंद्रीय मंत्री भी। सो, ऐसी सीटों पर चुनावी माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म है। जमशेदपुर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को घर में भी विरोध झेलना पड़ रहा है। एनडीए के घटक जदयू ने भी आंखें तरेर दी है। वैसे, मुंह फुलाए कई लोगों को वे मना भी चुके हैं। इसके बाद भी राह आसान नहीं। हजारीबाग में भाजपा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के सामने भी चुनौती है। यहां जिस तरीके से प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं वह कुनबाई और दलीय समीकरण को भी प्रभावित कर रहा है। झाविमो ने यहां उम्मीदवार दे दिया है। वैसे, सीपीआई के निवर्तमान सांसद भुवनेश्वर मेहता समेत कांग्रेस-झामुमो के प्रत्याशी भी मैदान में मजबूती से डटे हैं।
(सौजन्य: दैनिक जागरण)